इथियोपियाई ज्वालामुखी की राख से 4000 किलोमीटर दूर दिल्ली में उड़ानें रद्द
- Khabar Editor
- 25 Nov, 2025
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कल्पना कीजिए कि कोई सोया हुआ दानव 10,000 साल बाद अचानक जाग जाए! इथियोपिया में रविवार को हेली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी के फटने के बाद ठीक यही हुआ। यह सिर्फ स्थानीय खबर नहीं है - यह विस्फोट, जो हमसे 4,000 किलोमीटर दूर हुआ, उसने भारत में एक बड़ा हवाई यात्रा संकट खड़ा कर दिया है!
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट और देश भर में, दुबई, हांगकांग, जेद्दाह, हेलसिंकी, और फ्रैंकफर्ट जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए कई उड़ानें बुरी तरह विलंबित हुईं या पूरी तरह से रद्द कर दी गईं। एयर इंडिया और आकासा एयर जैसी एयरलाइनों ने तुरंत उड़ानों को ज़मीन पर उतार दिया या उनके रास्ते बदल दिए, जिससे हज़ारों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ अस्त-व्यस्त हो गईं।
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अदृश्य खतरा: राख हवाई जहाज की सबसे बड़ी दुश्मन क्यों है?
तो, एक सुदूर अफ्रीकी ज्वालामुखी की राख भारत तक कैसे पहुँची और हमारे आसमान को क्यों बंद कर दिया?
आसमान छूता विस्फोट: ज्वालामुखी ने 14 किलोमीटर की ऊँचाई तक राख और गैस का गुबार फेंका! इस ऊँचाई पर राख सीधे शक्तिशाली, तेज़ गति वाली जेट धाराओं में मिल गई।
तेज़ रफ़्तार से आवाजाही: इन हवाओं के साथ, विशाल बादल - जो 100-120 किमी/घंटा की गति से चल रहा था - लाल सागर को पार करके अरब प्रायद्वीप (ओमान, यमन) के ऊपर से सीधे भारतीय उपमहाद्वीप की ओर बढ़ गया।
आगमन: यह घनी राख का बादल सोमवार देर रात गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, और दिल्ली-एनसीआर सहित भारतीय हवाई क्षेत्र में पहुँचा, जिससे दृश्यता कम हो गई और ऊपरी हवाई मार्ग दूषित हो गए।
यह साधारण धुआँ नहीं है। ज्वालामुखी की राख छोटे, नुकीले, शीशे जैसे चट्टानी कणों से बनी होती है। जब एक हवाई जहाज के शक्तिशाली जेट इंजन इस राख को अंदर खींचते हैं, तो दो भयावह चीज़ें होती हैं:
इंजन का खराब होना: अपघर्षक राख रेत के कागज़ (sandpaper) की तरह काम करती है, जिससे आंतरिक इंजन के पुर्जे तेज़ी से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
इंजन का पिघलना: इंजन के अंदर की अत्यधिक गर्मी राख में मौजूद सिलिका को पिघला देती है, जिससे ब्लेड और महत्वपूर्ण हिस्से पिघले हुए शीशे की एक खतरनाक परत से ढक जाते हैं, जो एक भयावह लौ-समाप्ति (flame-out) और पूर्ण इंजन विफलता का कारण बन सकती है।
सीधे शब्दों में कहें, इस राख के बादल में उड़ान भरना हर विमान और यात्री के लिए जानलेवा जोखिम है।
एयरलाइंस ने जारी किया रेड अलर्ट!
भारतीय विमानन नियामक (DGCA) ने एक तत्काल चेतावनी जारी की: राख से प्रभावित हवाई क्षेत्र से दूर रहें।
आकासा एयर ने दो दिनों के लिए जेद्दाह, कुवैत और अबू धाबी जैसे मध्य पूर्वी गंतव्यों की उड़ानें तुरंत रद्द कर दीं।
एयर इंडिया ने कम से कम 13 उड़ानें रद्द कर दीं ताकि उन विमानों पर अनिवार्य एहतियाती जाँच की जा सके जो दूषित क्षेत्रों से गुज़रे थे।
इंडिगो और स्पाइसजेट ने भी अपनी टीमों को हाई अलर्ट पर रखा, उड़ानों के रास्ते बदले और चिंतित यात्रियों के लिए सलाह जारी की।
मौसम का पूर्वानुमान: आसमान कब होगा साफ?
अच्छी खबर यह है कि यह वायुमंडलीय हमलावर अब आगे बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को उम्मीद है कि ज्वालामुखी का गुबार पूर्व की ओर चीन की तरफ बढ़ना जारी रखेगा, और पूर्वानुमान संकेत देते हैं कि भारतीय आसमान मंगलवार शाम तक काफी हद तक साफ होना शुरू हो जाना चाहिए।
फिलहाल, 10,000 साल पुराने ज्वालामुखी की यह कहानी दिखाती है कि हमारी दुनिया कितनी आपस में जुड़ी हुई है। अफ्रीका में हुआ एक विस्फोट सचमुच एशिया में हवाई अड्डों को बंद कर सकता है, यह साबित करते हुए कि कभी-कभी, यात्रा में सबसे बड़ा व्यवधान मानव त्रुटि से कहीं बड़ी शक्ति से आता है: प्रकृति का क्रोध!
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