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नवरात्रि विशेष | #KFY #KFYNEWS #KHABARFORYOU #KFYNAVRATRI #NAVRATRI2023 #NAVRATRIDAY1|

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शारदीय नवरात्रि प्रतिवर्ष अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर दशमी तिथि तक मनाए जाते हैं जिसमे प्रत्येक नौ दिन तक माता के विभिन्न नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। दसवें दिन रावण दहन किया जाता है।

इस वर्ष नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ हो रहे हैं जो कि रविवार का दिन है। शास्त्र व पुराण के अनुसार रविवार यदि नवरात्रि का प्रथम दिन हो तो माता की सवारी हाथी मानी जाती है जिसके कारण अधिक वर्षा व खुशहाली आने की संभावना होती है।

नवरात्रि का पर्व साल में 4 माह में आता है जो माघ , चैत्र , आषाढ़ व आश्विन हैं। चैत्र माह में बसंत नवरात्रि आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि वह माघ तथा आषाढ़ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के रूप में पूजा जाता है। जो व्यक्ति तंत्र साधना करते हैं उनके लिए गुप्त नवरात्रों का विशेष महत्व है।

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मां के नौ रुप 

शैलपुत्री

ब्रह्मचारिणी 

चंद्रघंटा 

कूष्मांडा

स्कंदमाता

कात्यायनी

कालरात्रि 

महागौरी

सिद्धिदात्री

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वैज्ञानिक महत्वः

नवरात्र शब्द से 'नव अहोरात्रों (विशेष रात्रियां) का बोध' होता है. इस समय शक्ति के नव रूपों की उपासना की जाती है क्योंकि 'रात्रि' शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है. भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है. नवरात्रि के पीछे का विज्ञान भी इसी आधार से जुड़ा हुआ है. 

नवरात्र के पीछे का वैज्ञानिक आधार यह है कि पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा काल में एक साल की चार संधियां (treaties) हैं जिनमें से मार्च व सितंबर माह में पड़ने वाली गोल संधियों में साल के दो मुख्य नवरात्र पड़ते हैं. इस समय रोगाणु आक्रमण (Germs, Infections) की सर्वाधिक संभावना होती है. ऋतु संधियों (season treaties) में अक्सर शारीरिक बीमारियां बढ़ती हैं. अत: उस समय स्वस्थ रहने के लिए तथा शरीर को शुद्ध रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का नाम 'नवरात्र' है.

नवरात्रि का समय वह समय होता है जब ऋतु बदलती है. शास्त्रों के अनुसार इस समय असुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए हवन और पूजन किया जाता है. नवरात्रि पर हवन पूजन करने से स्वास्थय भी ठीक रहता है. यही कारण हैं कि साल में आने वाले सभी नवरात्र ऋतुओं के संधिकाल में होते हैं. यही वह समय होता है जब मौसम बदलता है. जिससे शरीर और मानसिकता में कमीं आती है. इसलिए शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए व्रत और पूजा की जाती है.

नवरात्रि को स्वास्थय के दृष्टिकोण से अत्याधिक महत्व दिया जाता है. इस समय व्रत करने से न केवल मानसिक शक्ति प्राप्त होती है. बल्कि शरीर और विचारों की भी शुद्धि होती है. जिस प्रकार से हम नहाकर अपने शरीर की सफाई करते हैं. उसी प्रकार नवरात्रि के इस पावन अवसर पर शरीर के साथ - साथ विचारों की शुद्धि की जाती है. जो अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. जिस समय मौसम बदलता है उस समय शरीर को रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना पड़ता है. नवरात्रि पर व्रत करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसलिए नवरात्रि को विशेष माना जाता


"Khabar for you " परिवार की तरफ से हमारे सभी पाठकों को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं


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