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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दो रुपये में तैयार करते थे 100 रुपये के नकली नोट #FakeCurrencyFactory #FakeNotes #FakeCurrency #Prayagraj

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पुलिस ने छापा मारकर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इसमें मदरसे का कार्यवाहक प्रिसिंपल भी शामिल है. पुलिस ने इनके पास से 1 लाख 30 हजार रुपये के नकली नोट, अर्धनिर्मित करेंसी और प्रिंटर आदि सामान बरामद किया है.  

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यूपी के प्रयागराज में नकली नोट छापने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. ये नकली नोट अतरसुइया इलाके के मदरसे में छापे जा रहे थे. पुलिस ने छापा मारकर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इसमें मदरसे का कार्यवाहक प्रिसिंपल भी शामिल है. पुलिस ने इनके पास से 1 लाख 30 हजार रुपये के नकली नोट, अर्धनिर्मित करेंसी और प्रिंटर आदि सामान बरामद किया है. ये गैंग 15 हजार लेकर 45 हजार की फेक करेंसी देता था. 

प्रयागराज की सिविल लाइंस पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफ़सीरुल आरीफीन के अलावा मोहम्मद अफजल, मोहम्मद साहिद और मास्टर माइंड जाहिर ख़ान उर्फ अब्दुल जाहिर शामिल है. फिलहाल, इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है. 

मामले में डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने नकली नोट बनाने वाले गैंग का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की थी. मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से नकली नोट और नकली नोट बनाने का सामान बरामद हुआ है. अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित है. 


छोटी दुकानों पर खपाए जा रहे थे नकली नोट

प्रयागराज पुलिस ने जिले में चार महीने से छोटी दुकानों पर खपाए जा रहे नकली नोटों को लेकर जांच शुरू की थी. इसके लिए मुखबिर अलर्ट किए गए थे. एक मुखबिर ने इस मामले के तार मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम से जुड़े होने की जानकारी दी. इस सूचना पर जांच करने के लिए एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय के नेतृत्व में टीम ने काम करना शुरू किया. SI अभयचंद की टीम ने अफजल व शाहिद को दबोचा, जिनके पास मिली 100-100 के नोटों की दो गड्डियां जांच में नकली निकली. पूछताछ में मिली जानकारी के बाद मदरसे में छापा मारा तो पुलिस टीम हैरान रह गई. पुलिस ने मौके से 1.3 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए हैं. 

नकली नोट छापने को ही ओडिशा से आया पूरा गिरोह
पूछताछ में सामने आया है कि जाहिर खान ही नकली नोट छापने का काम करता था, लेकिन इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड मौलवी मोहम्मद तफसीरूल है. तफसीरूल ने नकली नोट छापने के लिए ही जाहिर खान को खासतौर पर ओडिशा के भद्रक जिले के थाना बाशुदेवपुर इलाके की आजाद बस्ती से बुलाया था. तफसीरूल भी इसी गांव का रहने वाला है, जबकि अफजल और शाहिद करेली के निवासी हैं. कई साल से मदरसेमें रह रहे तफसीरूल ने जाहिर खान को मदरसे में किराये पर कमरा दिया था. इस मामले में ओडिशा का एक और आदमी शामिल है. उसने ही तफसीरूल को नकली नोट छापने के तरीके की जानकारी दी थी और जाहिर खान से मिलवाया था.  
नोट में सेलो टेप से बना दिया असली जैसा लगने वाला सिक्योरिटी थ्रेड

नोट लेने पर कोई भी आदमी सबसे पहले हरे रंग की सिक्योरिटी थ्रेड को देखकर उसके असली-नकली होने की संभावना देखता है. इसके चलते इन लोगों ने अपने नोट में भी सिक्योरिटी थ्रेड लगाने का इंतजाम किया था. इसके लिए हरे रंग की सेलो टेप खरीदी गई थी, जिसे बेहद महीन धागे जितना काटकर नोट पर चिपकाया जाता था.

एक रुपये से भी कम कीमत पर एक ए-4 साइज का पेपर मिलता था। नोट को काटने के लिए कटर ब्लेड का इस्तेमाल करते थे। आरोपी नोटों के साइज के कई टुकड़े निकाल लेते थे। किसी कागज से दो तो किसी तीन नोटों के साइज निकल आते थे।

एक के एवज में देते थे तीन नोट

आरोपी कमाई में तेजी से इजाफा करने के लिए एक के एवज में तीन नोट देते थे। ऐसे में वह हर तीन नोट पर लगभग छह रुपये खर्च करके 94 रुपये कमा लेते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी नोट छापने के लिए दिन-रात काम करते थे। गिरोह में इनके अलावा और कौन-कौन शामिल है पुलिस इसकी तफ्तीश में जुटी हुई है।

इस तरह सस्ते में नोट बनाते थे आरोपी

सौ रुपये का नोट बनाने के लिए आरोपी दो कटर ब्लेड, एक कैंची, प्रिंटर, लैपटॉप, सीधा काटने के लिए दो स्केल (पटरी), हरा टेप और कागज के बंडल इस्तेमाल करते थे।

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