सबसे मजबूत सौर तूफान पृथ्वी से टकराया, आसमान दिखे दुर्लभ नजारे #Solar #Summer #Sun #KFY #KFYNEWS #KHABARFORYOU #NATIONALNEWS
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- Aakash .
- 13 May, 2024
- 63412
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NOAA की चेतावनी के कुथ घंटों बाद ही एक मजबूत सौर तूफान पृथ्वी से टकरा गया। अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी नेशनल ओशनिक एंट एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार सौर तूफान जिसे भू-चुंबकीय तूफान भी कहते हैं, नेविगेशन, संचार और रेडियो सिग्नलों को प्रभावित कर सकते हैं। तूफान से पृथ्वी के ध्रुवों (नॉर्थ-साउथ पोल) के आसपास ऑरोरल एक्टिविटी बढ़ जाती है यानि नॉर्दर्न लाइट दिखाई देती है।
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लद्दाख के आकाश में दिखे लाल रंग
पृथ्वी की ओर
प्रक्षेपित तेज सौर चुंबकीय तूफानों के कारण उच्च हिमालय में हानले डार्क स्काई
रिजर्व में एक दुर्लभ स्थिर ऑरोरल लाल चाप घटना में लद्दाख के कुछ हिस्सों में
गहरे लाल रंग की चमक ने अंधेरे आकाश को रोशन कर दिया। अंतरिक्ष विज्ञान उत्कृष्टता
केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफान या कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य के
AR13664 क्षेत्र से हैं, जिसने कई उच्च ऊर्जा सौर ज्वालाएँ उत्पन्न की हैं, जिनमें
से कुछ 800 किमी/सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर यात्रा कर रही हैं।
स्टारलिंक कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कहा
सैटेलाइट इंटरनेट
प्रोवाइड करने वाली कंपनी स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क ने कहा कि अभी मेजर
जियोमैगनेटिक सबसे बड़ा सोलर स्टॉर्म चल रहा है।
स्टारलिंक सैटेलाइट्स बहुत दबाव में हैं, लेकिन अब तक टिके हुए हैं।अपनी इस
पोस्ट के साथ मस्क ने स्पेस वैदर प्रिडिक्शन का चार्ट भी शेयर किया है। इस चार्ट
में जिओमैग्नेटिक स्टॉर्म की फ्रीक्वेंसी दिखाई गई है। इस तूफान का प्रभाव पूरे
हफ्ते जारी रह सकता है।
20 साल बाद आया सबसे शक्तिशाली तूफान
यह तूफान 20 साल
बाद पृथ्वी पर आने वाला सबसे शक्तिशाली
सौर तूफान है। 2003 में आया तूफान इतना
शक्तिशाली था कि स्वीडन में बिजली गुल हो गई और दक्षिण अफ्रीका में ट्रांसफार्मरों
को नुकसान पहुंचा था।NOAA के अनुसार, हम सोलर साइकिल 25 के पीक के करीब हैं। ये एक
11 साल की अवधि है जिसमें सूरज अपने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को फ्लिप करता है।
इस समय के दौरान, विभिन्न अंतरिक्ष, मौसम की घटनाएं घटित हो सकती हैं। इसे सोलर
मैक्सिमम भी कहते हैं।
सौर तूफान के प्रभाव
-कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य से प्लाज्मा और चुंबकीय
मैग्नेटिक मटेरियल का विस्फोट है जो 15 से 18 घंटों में पृथ्वी तक पहुंच सकता है।
-ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में करंट बना सकते
हैं जो नॉर्थ और साउथ पोल्स पर कण भेजते हैं।
-जब वे कण ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ संपर्क करते
हैं, तो वे नॉर्दर्न लाइट क्रिएट करते हैं। सूर्य
की सतह पर विशाल विस्फोट होते हैं, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन नाम से जाना जाता
है।
-ये ऊर्जावान कणों की धाराएं अंतरिक्ष में भेजते
हैं। जब ये कण हमारी पृथ्वी तक पहुंचते हैं तो चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा
करते हैं।
-इसीलिए इसे भू-चुंबकीय तूफान कहते हैं। नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने सोलर फ्लेयर्स की इन तस्वीरों को कैप्चर किया।
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