G - 20 में पीएम मोदी ने किया भारत मिडिल ईस्ट यूरोप इकनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) का ऐलान

- MONIKA JHA
- 11 Sep, 2023
- 11535
Email:-MONIKAPATHAK870@GMAIL.COM
Instagram:-@Khabar_for_you

G- 20 सम्मेलन में IMEC लॉन्च करने का ऐलान हुआ है।इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एशिया, मिडिल ईस्ट व यूरोप के बीच रेल और जहाज के जरिए कनेक्टिविटी स्थापित की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट की सहायता से भारत से यूरोप तक व्यापार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
IMEC के समझौता ज्ञापन पर UAE, यूरोपीय संघ, भारत, फ्रांस, जर्मनी, इटली व अमेरिका की सरकारों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
भारत द्वारा प्रस्तावित इस योजना को चीन के BRI project का जवाब माना जा रहा है।
भारत के इस प्रोजेक्ट से चीन के व्यापार क्षेत्र में एकाधिकार से भयभीत देशों को कुछ राहत मिलने के आसार हैं।
चीन द्वारा एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका के बीच भूमि और समुद्र क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 2013 में यह परियोजना आरंभ की गई थी।
BRI को सिल्क रोड इकनॉमिक बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है।
चीन के इस प्रोजेक्ट का रूट भारत के POK क्षेत्र से गुजरात है जिसे भारत की संप्रभुता के लिए खतरा माना जाता रहा है।
IMEC समझौते के साथ ही UPI समझौते पर भी सिंगापुर सहित आठ देशों ने हस्ताक्षर किए जिस के कारण अब उन देशों में भी UPI से मनी ट्रांसफर वैध होगा
जो बाइडेन बोले- 'ये बड़ी बात है'
इस कॉरिडोर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है. इस कॉरिडोर को लेकर एक 'बड़ी बात' करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में, भागीदार देश लोअर-मिडिल इनकम वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे. बाइडेन ने कहा कि इस योजना में शामिल सभी नौ देशों के प्रमुखों को, साथियों को धन्यवाद. यह वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है.
अश्विनी वैष्णव ने बताईं IMEC की खासियत
वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इतना विश्वसनीय होगा कि कई बहुपक्षीय संस्थानों ने इसमें इन्वेस्ट करने की इच्छा जताई है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन के जरिए काफी रेवेन्यू आएगा, जिससे मेजबान देशों पर भी भार नहीं पड़ेगा और न ही कर्ज का सामना करेंगे. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट कंसीव करने की शुरुआत में ही कहा था कि हर देश की जरूरतों के हिसाब से प्रोजेक्ट को डेवलप करना है. पिछले 10 सालों को देखें थे यूरोपियन देश बीआरआई को लेकर आशंकित हैं, जबकि इटली ने भी प्रोजेक्ट से बाहर जाने के संकेत दिए हैं. सिर्फ जी7 देश ही इसके साथ हैं. वहीं, ऐसी भी चर्चाएं हैं कि इस प्रोजेक्ट के चलते कई देश कर्ज का सामना कर रहे हैं.

Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Search
Category
