आरक्षण खत्म करने के मामले में बोले अमित शाह, कांग्रेस ने वायरल किया FAKE वीडियो, #Fake #Video #Amit #congress #BJP #KFY #KFYNEWS #KHABARFORYOU #NATIONALNEWS
- Aakash .
- 30 Apr, 2024
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क्या हैं आरक्षण के ऊपर चल रहा ये मामला, यदि आपको इस मामले के बारे में नही आता तो आप पहले ये खबर पढ़िए।
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कांग्रेस पर भड़के शाह
केंद्रीय गृह
मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने फेक वीडियो मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया
है। कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने गुवाहाटी
में कहा कि कांग्रेस झूठ फैलाकर गुमराह कर रही है।
धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान सम्मत नहीं है।
मेरा फेक वीडियो बनाकर फैलाया जा रहा है। लेकिन एक बार फिर
साफ करना चाहूंगा कि भाजपा, एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के समर्थन में है।
गुवाहाटी में बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह
मंत्री अमित शाह कहते हैं, "दो चरणों के चुनाव के बाद, अपने आंतरिक मूल्यांकन
के आधार पर हम कह सकते हैं कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल 100 से अधिक (सीटें) पार
कर चुके हैं और हमें विश्वास है कि हम '400 पार' के अपने संकल्प की ओर बढ़ रहे
हैं... शुरुआती रुझानों के मुताबिक, बीजेपी को दक्षिण भारत में अच्छी प्रतिक्रिया
मिल रही है..."
कांग्रेस को बनाया निशाना
कांग्रेस पर हमला
करते हुए अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस एक झूठ फैलाकर जनता के बीच एक भ्रांति
पैदा करना चाहती है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा
एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण की समर्थक है और हमेशा इसके संरक्षक के रूप में
अपनी भूमिका निभाएगी। ये बात पीएम मोदी ने भी अपने सर्वाजनिक
भाषणों में स्पष्ट किया है। भाजपा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण में
अगर किसी एक राजनीतिक दल ने डाका डाला है तो वह कांग्रेस पार्टी है।"
मामले पर शुरू हुई कार्यवाही
बता दें कि ‘फर्जी वीडियो' में तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों। पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देना), 465 (जालसाजी), 469 (किसी भी पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), और 171जी (चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से गलत बयान प्रकाशित करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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