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Rajasthan Assembly Elections 2023 विज्ञापन सहित पेड न्यूज पर आयोग रखेगा नजर - चुनाव खर्च पर आयोग की नजर तेज | KFY #VOTEFORYOURSELF

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Rajasthan Assembly Elections 2023

जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने बताया कि समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना है और विज्ञापन का उद्देश्य को बढ़ावा देना होता है। समाचार निष्पक्ष होता है, जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। 
विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर आचार संहिता लागू होने के बाद दौसा जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन कर दिया है। कमर चौधरी ने बताया कि यह कमेटी समाचार पत्रों,  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल मोबाइल नेटवर्क, सोशल मीडिया आदि  पर सभी प्रकार के संप्रेषण साधनों पर विज्ञापन, समाचार, संदेश, चर्चा और साक्षात्कार पर नजर रखेगी। साथ ही कमेटी द्वारा पेड न्यूज पर विशेष नजर रखी जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक में प्रकाशित प्रसारित समाचार या विशलेषण जिसका मूल्य नगद या किसी अन्य तरह से दिया गया है तो उसे पेड न्यूज माना जाएगा। 
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Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान में आचार संहिता लागू
समझिए ये होती है पेड न्यूज
जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने बताया कि समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना है और विज्ञापन का उद्देश्य को बढ़ावा देना होता है। समाचार निष्पक्ष होता है, जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। ऐसे में मतदाताओं को भ्रमित करना, सोचने के अधिकार पर प्रभाव डालना, चुनाव पर प्रभाव डालने जैसी सभी खबरों को पेड न्यूज में शामिल माना जाएगा। साथ ही ऐसे लेख जिसमें किसी विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा और जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसे भी पेड न्यूज माना जाएगा।

नामांकन तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी
जिला निर्वाचन अधिाकरी ने बताया कि नामांकन तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी। डीएवीपी दर नहीं होने पर डीपीआर दर से पेड न्यूज की लागत निर्धारित की जाएगी। इसकी जांच के लिए जिला स्तर पर एक एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है। 

एमसीएमसी कमेटी करेगी मॉनिटरिंग
जिला निर्वाचन अधिकारी कमल चौधरी ने कहा कि पेड न्यूज से संबंधित शिकायतों, प्रकरणों की जांच, मीडिया स्कैन करना, विज्ञापन प्रमाणन समिति द्वारा प्रमाणीकरण के लिए विज्ञापन को प्रस्तुत करना, प्रमाणीकरण के लिए प्रस्तुत किए जा रहे विज्ञापनों पर निर्णय लेना, संदेहस्पद पेड न्यूज पर आरओ द्वारा नोटिस जारी करना, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापनों की मॉनिटरिंग करने का काम जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी करेगी। प्रिंट मीडिया  के विज्ञापनों का खर्च चुनाव के खर्चे में शामिल जाएगा। आदेश की अवहेलना करने पर धारा 127 एआरपी एक्ट 1951 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 

विज्ञापन कराने होंगे प्रमाणित
चौधरी ने बताया कि टीवी चैनल और केबल नेटवर्क पर किसी राजनीतिक दल, संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन जारी होने से पहले प्रमाणित करवाने होंगे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी चेनल, केबल, रेडियो एफएम चैनल और सिनेमाघर में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। जनसभाओं, सार्वजनिक स्थान, सोशल मीडिया और ई-पेपर में जारी किए जा रहे राजनीतिक विज्ञापनों का भी प्रमाणन किया जाएगा। 

निर्धारित आवेदन पत्र पर पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे
विज्ञापन अधिप्रमाण के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतकि दल, पंजीकृत राष्ट्रीय, राजकीय राजनीतकि दल और प्रत्याशी प्रसारण के लिए प्रस्तावित दिनांक से तीन दिन पहले विज्ञापन प्रस्तुत करने होंगे। वहीं अन्य गैर पंजीकृत दलों द्वारा विज्ञापन सात दिन पहले प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करना जरूरी होगा।          
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Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान में आचार संहिता लागू

चुनाव आयोग की सख्ती से उम्मीदवारों को काफी परेशानी होने वाली है। जहां पहले उम्मीदवार चुनाव में अनाब-शनाब खर्च करके करोड़ों रुपये बहा देते थे। वहीं इस बार चुनाव आयोग ने ऐसे उम्मीदवारों के खर्चों पर लगाम लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। चुनाव आयोग ने इस बार उम्मीदवारों के खर्चों की रेट लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में चुनाव प्रचार के दौरान चाय, कॉफी, समोसा, रसगुल्ला, आइसक्रीम समेत प्रत्येक सामान के रेट तय किए गए हैं। ये खर्चा उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने प्रचार सामग्री और सभा में काम आने वाले सामान की भी कीमत निर्धारित कर दी है। आयोग अपनी रेट लिस्ट के अनुसार ही उम्मीदवार के खर्चे का आकलन करेगा।   
दरअसल, चुनाव के दौरान करोड़ों रुपये खर्च होते हैं इस बार ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। इस बार चुनाव आयोग की तरफ से उम्मीदवारों के प्रत्येक खर्चे पर नजर रखी जाएगी। इस बार चुनाव आयोग की तरफ से उम्मीदवारों के प्रत्येक खर्चे पर नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग की रेट लिस्ट में चाय 5 रुपये, फॉफी 13 रुपये, समोसा 12 रुपये, रसगुल्ला 210 प्रति किलो के हिसाब से खरीद सकता है।

सभी चीजों के रेट फिक्स
जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से खर्चे की निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। सामान की भी रेट लिस्ट के अनुसार चुनावी सभा और कार्यक्रम में काम आने वाले सामान का किराया भी फिक्स किया गया है। ट्यूबलाइट 10 रुपये, हैलोजन 500 वॉट 42 रुपये, 1000 वॉट के 74 रुपये, एक प्लास्टिक की कुर्सी पांच रुपए, पाइप की कुर्सी तीन रुपये, वीआईपी कुर्सी 105 रुपये, लकड़ी की टेबल 53 रुपये, वीआईपी सोफा सेट का खर्चा 630 रुपये प्रत्येक दिन के हिसाब से जोड़ा जाएगा।

71 रुपये में मिलेगा खाना
साथ ही साथ खाद्य सामग्री पर नजर रखी जाएगी। इसमें आम 63 रुपये, केला 21 रुपये, सेव 84 रुपये, अंगूर 84 रुपये प्रति किलो के हिसाब से जोड़ा जाएगा।  गन्ने का रस प्रति छोटा गिलास 10 रुपये, खाने के 71 रुपये प्रति प्लेट कीमत निर्धारित की गई है। आरओ के पानी की केन 20 लीटर की 20 रुपये, कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम प्रिंट रेट पर खर्चे में जोड़े जाएंगे। इसके अलावा प्लास्टिक झंडा 2 रुपये, कपड़े के झंडे 11 रुपये, स्टीकर छोटा पांच रुपये, पोस्ट 11 रुपये, कट आउट वुडन, कपड़ा और प्लास्टिक के 53 रुपये प्रति फिट, होर्डिंग 53 रुपये, पंपलेट 525 रुपये प्रति हजार के हिसाब से खर्चा प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा।

वाहन का किराया भी फिक्स
इसके अलावा उम्मीदवार प्रतिदिन 5 सीटर कार का किराया 2625 या समकक्ष 3675 रुपये का खर्च कर सकता है। मिनी बस 20 सीटर 6300 रुपये, 35 सीटर बस का 8400 खर्चा किया जा सकता है। टेंपो 1260 रुपये, वीडियो वैन 5250 रुपये, वाहन चालक मजदूरी 630 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रत्याशी के खर्च में जोड़ी जाएगी।

खर्च का ब्योरा न देने वाले 46 नेता अयोग्य घोषित
चुनाव आयोग को खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य होता है। न देने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन उम्मीदवारों ने चुनावी खर्चे का ब्योरा नहीं दिया, उनके खिलाफ चुनाव आयोग ने कार्रवाई की। चुनाव आयोग ने राजस्थान के 46 नेताओं को अयोग्य घोषित किया है और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है।
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Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान में आचार संहिता लागू


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