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- Aakash .
- 25 Jun, 2024
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कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपातकाल के संदर्भ में पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार किया। उन्होंने इल्जाम लगाया कि पीएम अपनी कमियां छिपाने के लिए अतीत को कुदरते रहते हैं, जबकि उनके शासनकाल में 10 वर्ष के अघोषित आपातकाल ने लोकतंत्र एवं संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है।
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PM मोदी ने आपातकाल लागू को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए बोला कि जिन लोगों ने आपातकाल लागू कर बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और हिंदुस्तान के संविधान को कुचला, उन्हें संविधान के प्रति प्रेम जाहिर करने का कोई अधिकार नहीं है।
आपातकाल की बरसी पर मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक के बाद एक पोस्ट में बोला कि जिस मानसिकता के कारण राष्ट्र में आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी उस पार्टी में जीवित है जिसने इसे लागू किया था।
PM मोदी की आपातकाल वाली टिप्पणी पर खड़गे का पलटवार
खरगे ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में बोला कि नरेन्द्र मोदी जी, राष्ट्र भविष्य की ओर देख रहा है, आप अपनी कमियां छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं। पिछले 10 सालों में 140 करोड़ भारतीय नागरिकों को आपने जिस अघेाषित आपातकाल का आभास करवाया, उसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है।
विपक्ष ने PM मोदी को उन्ही के बयानों में घेरा
कांग्रेस नेता ने प्रश्न किया कि पार्टियों को तोड़ना, चुनी हुई सरकारों को चोर दरवाज़े से गिराना, 95 फीसदी विपक्षी नेताओं के विरुद्ध ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग का दुरुपयोग करना, मुख्यमंत्रियों तक को कारावास में डालना और चुनाव के पहले सत्ता का इस्तेमाल कर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ना…, क्या यह सब अघोषित आपातकाल नहीं है?
खड़गे ने लगाए प्रधानमंत्री पर इल्जाम
खरगे ने इल्जाम लगाया कि पीएम मोदी सहमति और योगदान की बात करते हैं, पर उनके कदम इसके उल्टा हैं। जब 146 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर तीन क़ानून – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय इन्साफ संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023; पारित किये गए थे तब यह सहमति वाला शब्द कहां था?
उन्होंने प्रश्न किया कि जब संसद के प्रांगण से छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाओं को बिना विपक्ष से पूछे, एक कोने में स्थानांतरित कर दिया गया, तब यह सहमति वाला शब्द कहां था?
किसानों को लेकर भी बोले खरगे
खरगे ने बोला कि जब हमारे 15 करोड़ किसान परिवारों पर तीन काले क़ानून थोपे गए और उनको अपने ही राष्ट्र में महीनों सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, उन पर अत्याचार किया गया, तब यह सहमति वाला शब्द कहां था?
नोट बन्दी को भी बनाया मुद्दा
कांग्रेस अध्यक्ष ने बोला कि नोटबंदी हो, आनन-फ़ानन में लागू किया गया लॉकडाउन हो, या चुनावी बॉण्ड का क़ानून हो, ऐसे सैकड़ों उदहारण है, जिस पर मोदी गवर्नमेंट ने सहमति और योगदान का इस्तेमाल तो बिलकुल भी नहीं किया। विपक्ष को क्या, उन्होंने तो अपने ही नेताओं को अंधेरे में रखा।
उन्होंने बोला कि 17वीं लोकसभा में, इतिहास में सबसे कम – सिर्फ़ 16 फीसदी विधेयक संसद की स्थायी समिति के समक्ष गए और लोकसभा में 35 फीसदी विधेयक एक घंटे से कम समय में पारित हुए। राज्यसभा में ये आंकड़ा 34 फीसदी है।
खरगे ने दावा किया कि लोकतंत्र और संविधान की दुर्दशा बीजेपी ने की है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का साथ दिया है और हम आगे भी देते रहेंगे।
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