दोस्तो के साथ मिलकर खुद के किडनैपिंग की झूठी कहानी बना काव्या ने घरवालों से लिये 30 लाख रुपए #KavyaDhakad #Kota #Kidnapping #Friend #NEET #KFY #KHABARFORYOU #KFYNEWS #KFYSOCIAL
- Aakash .
- 30 Mar, 2024
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पुलिस ने जब इस मामले की पूरी तरह जांच की तो पता चला कि ये किडनैपिंग की खबर झूठी है, ये पूरा झूठ खुद लड़की का बनाया हुआ है, लड़की का नाम काव्या बताया जा रहा है, इस मामले के पीछे की वजह और काव्या दोनों पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
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मामले की पूरी जानकारी
कोटा से रहस्यमयी तरीके से गायब हुई 20 साल की स्टूडेंट काव्या धाकड़ की गुमशुदगी का रहस्य सुलझ कर भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस ने इतना तो पता लगा लिया है कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ और ना ही वो किसी के शिकंजे में है, यानी वो जहां भी है अपनी मर्जी है। लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद पुलिस ना तो उसे ढूंढ पा रही है और ना ही काव्या खुद ही पुलिस के या घर वालों के सामने आ रही है। हालांकि घूम फिर कर काव्या की आखिरी लोकेशन इंदौर में ही मिल रही है।
अपने ही घरवालों से 30 लाख रुपये लिए
इस कहानी की शुरुआत हुई 18 मार्च को, जब मध्य प्रदेश के शिवपुरी के रहनेवाले काव्या के घरवालों को किसी ने मैसेज करके ये बताया कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है और अगर वो अपनी को जिंदा देखना चाहते हैं, तो उन्हें फौरन काव्या के अकाउंट में ही 30 लाख रुपये डालने होंगे। ये सुन कर लड़की के घरवालों के हाथ पांव फूल गए। बेटी को किडनैप करने वालों ने उसकी किडनैपिंग वाली हालत की कुछ तस्वीरें भी भेजी थीं। वो लड़की कोटा में रह कर नीट की तैयारी कर रही थी।
कोटा बोलकर काव्या इंदौर में थी
इतना सबकुछ होने के बाद काव्या के घरवाले कोटा पहुंचे, और कोटा पहुंच कर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, दरअसल कोटा पहुच कर काव्या के घरवालों को पता चला कि काव्या तो कोटा में थी ही नही, काव्या कोटा के नाम पर झूठ बोल कर इंदौर में रह रही थी। काव्या इंदौर में CCTV की कुछ तस्वीरों में 2 लड़कों के साथ नजर आई थी। इन सबसे एक बात तो साफ हो जाती है कि काव्या का अपहरण नही हुआ है लेकिन ये पहेली सुलझ कर भी अनसुलझी है, क्योकि काव्या का अभी तक कोई पता नही चल पाया है।
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मामले की जाँच
भले ही काव्या का अपहरण नहीं हुआ, पर एक सच भी था कि 18 मार्च को उसी काव्या की किडनैपिंग के मैसेज आए और उसी काव्या की एक बंधक के तौर पर तस्वीर भी आई।और दोनों ही सच था। कोटा पुलिस अब हैरान परेशान थी। किडनैपिंग की तस्वीर और मैसेज उसे डरा रही थी। कोटा में छात्रों की खुदकुशी को लेकर कोटा पुलिस पर वैसे ही दबाव रहता है। अब अगर कोटा में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट को किडनैप करने के बाद उसके साथ कुछ हो जाए, तो उंगली सीधे कोटा पुलिस पर उठेगी। लिहाजा कोटा पुलिस अब फौरन कई टीमें बनाती हैं। और अलग-अलग एंगल से जांच करती है।
पुलिस ने निकाला काव्या का रिकॉर्ड
काव्या के मां बाप से पूछताछ के दौरान पता चलता है कि कोटा आने से पहले काव्या कुछ वक्त तक इंदौर में भी रही थी। और वहीं से नीट की तैयारी कर रही थी। एक दो लड़कों की वजह से उसके पिता ने उसे इंदौर से वापस शिवपुरी बुला लिया था और फिर अगस्त में उसे कोटा भेज दिया। इस जानकारी के बाद अब पुलिस ने अपनी एक टीम इंदौर भेजी। इंदौर का काव्या का पुराना पता ठिकाना निकाला। उसके पुराने कॉल डिटेल खंगाले। CCTV फुटेज में दिखाई दी काव्या और आखिरकार 20 मार्च को पुलिस को इस केस में पहला सुराग मिला। और ये सुराग राहत देने वाला था। दरअसल, इंदौर में काव्या के पुराने ठिकाने से पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगता है। फुटेज 1 मार्च की रात 9 बजकर 29 मिनट की थी। तस्वीर में काव्या एक घर से बाहर निकल कर एक लड़के के साथ जाती हुई नजर आ रही है। काव्या की पीठ पर पिट्ठू बैग भी है। इस तस्वीर को देख कर साफ हो गया कि काव्या किडनैप नहीं हुई है। बल्कि वो अपनी मर्जी से किसी लड़के साथ जा रही है।
दोस्तो से पता चला झूठी साजिश का
अगर काव्या किडनैप नहीं हुई, तो फिर किडनैपिंग की उसकी तस्वीर कहां से आई? उस तस्वीर में काव्या के हाथ पैर दोनों ही रस्सी से बंधे हैं, मुंह को भी कपड़े से बांध दिया गया है। जिस जगह काव्या को बंधक बना कर रखा गया है, वहां पर काई कार्टून पड़े हैं। जिसके ऊपर हेल्थकेयर लिखा हुआ है। इस तस्वीर और इसके बैकड्रॉप को ढूंढते हुए पुलिस अब इंदौर में ही इस पहेली को सुलझाने की कोशिश करती है। कोशिश रंग लाती है। काव्या के दो पुराने दोस्त पुलिस के हाथ लग जाते हैं। और इसके साथ ही कहानी की कड़ियां खुलने लगती हैं।
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झूठी साजिश की फोटोग्राफी
आगे की जांच में पचा चला कि जिस कमरें में काव्या को बंधक बना कर फोटो खींचा गया था। वो कोई कमरा नहीं बल्कि एक घर का किचन है। और ये घर और किचन काव्या के उन्हीं दो दोस्तों में से एक ने किराये पर ले रखा था। जो पुलिस को कहानी बताते हैं। काव्या की मर्जी से ही वहां वो फोटो शूट हुआ था। फोटो शूट होने के बाद काव्या के दोस्त ने किराये का वो कमरा खाली कर दिया था। और वो दूसरी जगह जा कर रहने लगा। उसे डर था कि तस्वीर के जरिए पुलिस उस तक पहुंच सकती है। तस्वीर शूट करने के बाद कई दिनों तक काव्या और उसके दोस्तों ने इंतजार किया। फिर 18 मार्च की दोपहर 3 बजे यही तस्वीर फिरौती की धमकी के साथ काव्या के पिता को मोबाइल व्हाट्सएप के जरिए भेज दी।
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इन सबके पीछे की वजह
पर एक सवाल का जवाब अब भी बाकी था कि काव्या ने ऐसा क्यों किया? तो काव्या के दोनों दोस्तों ने इसकी भी कहानी सुनाई। असल में काव्या अपने दो दोस्तों के साथ डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ने के लिए विदेश जाना चाहती थी उसे पता था कि उसके पिता इसकी इजाजत नहीं देंगे। लेकिन उसे ये भी मालूम था कि उसके मां बाप उसे बेइंतेहा प्यार करते हैं। अगर वो किसी मुसीबत में होगी, तो वो कहीं से भी उसके लिए पैसों का इंतजाम कर सकते हैं। बस, इसी के बाद काव्या ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर अपनी ही किडनैपिंग की पूरी कहानी लिख डाली।
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