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लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुके है और इसी बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पूरे देश मे CAA लागू करने की घोषणा कर दी हैं। वर्तमान में इस कानून को लेकर देशभर में काफी मुद्दे बन रहे है।


CAA क्या हैं

नागरिकता कानून, 1955 के मुताबिक अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हों लेकिन उसमें उल्लिखित अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक जाएं।

सीएए यानी की नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. दिसंबर 2014 से पहले से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई ) को नागरिकता दी जाएगी।

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CAA को लेकर विवाद

देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बहुत से विवाद बने हुए है, मुस्लिम समुदाय के द्वारा भी इस अधिनियम का व्यापार रूप से विरोध देखने को मिला है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसे देशभर लागू कर दिया गया, इस कानून के लागू हो जाने से गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी, इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा, लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है।

11 दिसंबर 2019 को भारतीय संसद में सीएए को पारित किया गया था, 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस अधिनियम को मंजूरी दे दी थी। इसके पक्ष में 125 और खिलाफ में 105 वोट पड़े थे।

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CAA के लिए रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार CAA कानून को लागू करने की अधिसूचना को जारी करने के बाद एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करने वाली है. इसके लिए पूरी तैयारी भी हो चुकी है. इस पोर्टल के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थी (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई ) भारतीय नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन करेंगे. जिसमें उन्हें अपने बारे में जानकारी और भारत में प्रवास का समय बताना होगा. हालांकि, इसके लिए पोर्टल पर किसी तरह के दस्तावेज अपलोड नहीं करने होंगे. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन सबमिट करने के बाद उन्हें नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू होगी.

बता दें, रजिस्ट्रेशन को मोबाइल फोन पर किया जा सकेगा. वहीं नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले लंबित हैं, उन्हें भी ऑनलाइन कन्वर्ट कर दिये जाएंगे।


CAA के विरोध पर बड़ी खबर

हाल ही में अपनी पार्टी लॉन्च कर राजनीतिक में कदम रख रहे दक्षिण के जाने मारे अभिनेता ( Actor ) थालापथी विजय ने ने केंद्र पर हमला बोला है, विजय ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा CAA का लागू होना स्वीकार नही किया जा सकता। 



विजय ने कहा, "देश में नागरिकत संसोधन कानून 2019 की तरह का कोई भी कानून बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जबकि देश में सभी लोग मिल - जुलकर भाईचारे के साथ रहने को तैयार हैं, तो ऐसे कानून की क्या जरूरत है। विजय ने तमिलनाडु सरकार से भी अपील की कि राज्य में इस कानून को लागू ना किया जाए। बता दें कि वजय के अलावा कई विपक्षी नेताओं ने इस समय सीएए लागू करने को लेकर सवाल उठाए हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआीएम का कहना है कि चुनावी फायदा उठाने के लिए चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार यह स्टंट कर रही है। विरोधी दलों का कहना है कि चुनाव से पहले सीएए लागू करना ध्रुवीकरण का प्रयास है।

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विवादों से घिरे CAA के विरोध में

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे बंटवारे की राजनीति बताया है। उन्होंने कहा, जनता भाजपा को पाठ पढ़ा देगी। आपको बता दें कि सीएए के विरोध में देश में कई जगहों पर प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि वह अपने राज्य में सीएए नहीं लागू होने देंगी। ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजय ने कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में सीएए को नहीं लागू होने देंगे। विजयन ने कहा कि यह धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करने वाला कानून है। इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं किया जा सकता। वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार अगर मजबूत होती तो पहले ही इस कानून को लागू कर देती। लोकसभा चुनाव के वक्त ही इसे आखिर क्यों लागू किया जा रहा है। इसे लागू करने में चार साल का समय क्यों लग गया। वहीं क्या चुनाव से पहले ही इसे लागू करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि यह पूरे पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील मामला है।

WRITTER (Aakash)

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