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Engineers Day अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) 15 सितम्बर KFY

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अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) 15 सितम्बर को मनाया जाता हैं. जिस प्रकार वैज्ञानिकअध्यापकखिलाड़ीपत्रकार अर्थव्यवस्था में अपने अपने क्षेत्र में देश की उन्नति में अपना योगदान देते है उसी प्रकार एक इंजिनियर देश दुनिया में होने वाले कई सारे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य में अपना योगदान देते है।
अतः दुनिया में ऐसे कई सारे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य हुए है जिनके पीछे किसी न किसी इंजीनियर का हाथ हैउसकी सोच हैउसकी बुद्धिमत्ता है। ऐसे मे उनके अनोखे और अविश्वसनीय कार्यों की सराहना के लिए पूरी दुनिया में इंजीनियर्स डे (Engineers Dayमनाया जाता है।
इंजीनियर्स डे केवल निर्माण कार्य नही बल्कि तकनीक और अन्य क्षेत्र में जो भी आविष्कार किए जाते है उन सभी इंजीनियर्स को समर्पित है क्योंकि विभिन्न क्षेत्र के इंजीनियर्स के द्वारा जो भी आविष्कार किए गए है उन्हीं की बदौलत आज हम अनेक कार्यों को करने में सक्षम है।
घर बनाना होमोबाइल पर बात करना हैगाड़ी चलानी होहवाई जहाज के माध्यम से उड़ना होपानी में चलाना हो या कंप्यूटर का इस्तेमाल। यह सारी की सारी चीजें इंजीनियर्स की देन है। एक वैज्ञानिक केवल उस दुनिया के बारे ढूंढते है जो पहले से है लेकिन एक इंजीनियर उस दुनिया का निर्माण करता है जो कभी था ही नही।
यह दिन मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म दिवस हैंजो कि एक महान इंजिनियर थेइसलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को इंजीनियर्स डे के नाम पर समर्पित किया गया. इन्हें एक अच्छे इंजिनियर के तौर पर सफलतम कार्य करने हेतु 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. इंजिनियर डे के द्वारा दुनिया के समस्त इंजिनियरों को सम्मान दिया जाता है. देश के बड़े बड़े वैज्ञानिकइंजिनियर ने देश के विकास के लिए अनेकों अनुसन्धान किये. जैसे डॉक्टर को सम्मान देने के लिए  डॉक्टर्स डे मनाया जाता है,  टीचरों को सम्मान देने के लिए टीचर डेमनाया जाता है,  बच्चों को सम्मान देने के लिए बाल दिवस मनाया जाता हैमाता को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता हैउसी तरह इंजिनियरों को भी एक दिन विशेष सम्मान दिया जाता है.

इस साल 2023 में राष्ट्रीय इंजीनियर्स दिवस 2023 की थीम 'Engineering for a Sustainable Future' यानी कि 'सतत भविष्य के लिए इंजीनियरिंग' तय की गयी है.


आधिकारिक नाम

अभियंता दिवस

प्रकार

राष्ट्रीय

महत्व

भारत के महान इंजीनियर और भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को सम्मान और श्रद्धा देने का अवसर

तिथि

15 सितम्बर

पहली बार मनाया गया

1968

मुख्य कार्यक्रम

अभियंता संकल्पपुरस्कार समारोहसेमिनारवर्कशॉपप्रदर्शनीकवि सम्मेलनआदि

संबंधित

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैयाकृष्णराज सागर बांधहैदराबाद सिटीसुक्कुर बांधसेंचुरी क्लबमैसूर सोपन


 
क्यों मनाया जाता है इंजीनियर दिवस (Why We Celebrate Engineer’s Day)
·        इंजीनियर दिवस हमारे देश के प्रसिद्ध इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के याद में मनाया जाता है और ये दिन मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बर्थड़े के दिन आता है.
·        इन दिन को मनाने का लक्ष्य हमारे देश के युवाओं को इंजीनियरिंग के करियर के प्रति प्रेरित करना है और जिन इंजीनियरों ने हमारे देश के उत्थान में अपना योगदान दिया गया है उनकी सराहना करना है.

साल 2023 का इंजीनियर दिवस (Engineer’s Day 2023 Date)
साल 2023 में इंजीनियर दिवस पर हम मोक्षगुंडम विश्वेश्या का 161 वा जन्म दिवस समारोह  मनाया जाना हैऔर इस दिन को लेकर कई इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा कई प्रकार के कार्यक्रम किए जाने हैं. 

दुनिया के अन्य क्षेत्र में इंजिनियर डे (Engineers Day in World)

देश

तारीख

अर्जेंटीना

16 जून

बांग्लादेश

मई

बेल्जियम

20 मार्च

कोलंबिया

17 अगस्त

आइसलैंड

10 अप्रैल

ईरान

24 फ़रवरी

इटली

15 जून

मैक्सिको

जुलाई

पेरू

जून

रोमानिया

14 सितम्बर

तुर्की

दिसम्बर


 
 

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जीवन परिचय (Mokshagundam Visvesvaraya Biography)
एम. विश्वेश्वरैया भारत के महान इंजिनियरों में से एक थेइन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और भारत को नया रूप दिया. उनकी दृष्टि और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में समर्पण भारत के लिए कुछ असाधारण योगदान दिया।

जीवन परिचय बिंदु

विश्वेश्वरैया जीवन परिचय

पूरा नाम

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया

जन्म

15 सितम्बर, 1861

जन्म स्थान

मुद्देनाहल्ली गाँवकोलर जिलाकर्नाटका

माता-पिता

वेंकचाम्मा – श्रीनिवास शास्त्री

मृत्यु

14 अप्रैल 1962


 
 
मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया शुरुवाती जीवन (Mokshagundam Visvesvaraya Life History)
विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितम्बर को 1861 में मैसूर रियासत में हुआ थाजो आज कर्नाटका राज्य बन गया है. इनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत विद्वान और आयुर्वेदिक चिकित्सक थे. इनकी माता वेंकचाम्मा एक धार्मिक महिला थी. जब विश्वेश्वरैया 15 साल के थेतब उनके पिता का देहांत हो गया था. चिकबल्लापुर से इन्होंने प्रायमरी स्कूल की पढाई पूरी कीऔर आगे की पढाई के लिए वे बैंग्लोर चले गए. 1881 में विश्वेश्वरैया ने मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कॉलेजबैंग्लोर से बीए की परीक्षा पास की. इसके बाद मैसूर सरकार से उन्हें सहायता मिली और उन्होंने पूना के साइंस कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए दाखिला लिया. 1883 में LCE और FCE एग्जाम में उनका पहला स्थान आया. (ये परीक्षा आज के समय BE की तरह है)

विश्वेश्वरैया जी का व्यक्तित्व (Visveswaraya Personality)
·        एम् विश्वेश्वरैया जी बहुत साधारण तरह के इन्सान थे.
·        जो एक आदर्शवादीअनुशासन वाले व्यक्ति थे.
·        वे शुध्य शाकाहारी और नशा से बहुत दूर रहते थे.
·        विश्वेश्वरैया जी समय के बहुत पाबंद थेवे 1 min भी कही लेट नहीं होते थे.
·        वे हमेशा साफ सुथरे कपड़ों में रहते थे. उनसे मिलने के बाद उनके पहनावे से लोग जरुर प्रभावित होते थे.
·        वे हर काम को परफेक्शन के साथ करते थे. यहाँ तक की भाषण देने से पहले वे उसे लिखते और कई बार उसका अभ्यास भी करते थे.
·        वे एकदम फिट रहने वाले इन्सान थे. 92 साल की उम्र में भी वे बिना किसी के सहारे के चलते थेऔर सामाजिक तौर पर एक्टिव भी थे.
·        उनके लिए काम ही पूजा थेअपने काम से उन्हें बहुत लगाव था.
·        उनके द्वारा शुरू की गई बहुत सी परियोजनाओं के कारण भारत आज गर्व महसूस करता हैउनको अगर अपने काम के प्रति इतना दृढ विश्वास एवं इक्छा शक्ति नहीं होती तो आज भारत इतना विकास नहीं कर पाता.
·        भारत में उस ब्रिटिश राज्य थातब भी विश्वेश्वरैया जी ने अपने काम के बीच में इसे बाधा नहीं बनने दियाउन्होंने भारत के विकास में आने वाली हर रुकावट को अपने सामने से दूर किया था.

एम. विश्वेश्वरैया जी अवार्ड (Mokshagundam Visvesvaraya Awards)
·        स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1955 में विश्वेश्वरैया जी को भारत के सबसे बड़े सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.
·        लन्दन इंस्टीट्यूशन सिविल इंजीनियर्स की तरफ से भी विश्वेश्वरैया जी को सम्मान दिया गया था.
·        इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस की तरह से भी विश्वेश्वरैया जी को सम्मानित किया गया.
·        विश्वेश्वरैया जी कर्नाटका के सबसे प्रसिद्ध लोगों में से एक है.
·        इसके अलावा देश के आठ अलग अलग इंस्टिट्यूट के द्वारा उन्हें डोक्टरेट की उपाधि दी गई.
·        विश्वेश्वरैया जी के 100 साल के होने पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में स्टाम्प निकाला.
·        इनके जन्म दिवस पर समस्त भारत में इंजिनियर डे मनाया जाता है.

एम. विश्वेश्वरैया जी की मृत्यु (Mokshagundam Visvesvaraya Death)
14 अप्रैल 1962 को विश्वेश्वरैया जी की मृत्यु हो गई.

Engineer’s Day Quotes (इंजीनियर्स डे अनमोल वचन)
·        एक अच्छा इंजिनियर वही हैं जो किताबी ज्ञान को वास्तविक रूप दे पाये.
·        जो Ctrl + C और Ctrl + V का सही इस्तेमाल जानता हैं वही एक अच्छा इंजिनियर बन सकता हैं.
·        बचपन में जो खिलोने को तोड़कर खुश होता हैं असल में वही बड़ा होकर इंजिनियर बन सकता हैं.
·        जो सेशनल मार्क्स की परवाह नहीं करते अंत में वही अच्छे इंजिनियर बनते हैं.
·        जो मिड टर्म में कॉलेज आना भूल जाये वही सफल इंजिनियर कहलाता हैं.
·        किताबो के ज्ञान को खटमल की तरह चूस लेने से कोई इंजिनियर नहीं बनता.
·        इंजिनियर सफलता से नहीं असफलता से बनता हैं.
·        जो चल कर उपर जाता हैं और गिरता हुआ निचे आता हैं लेकिन फिर मुस्कुराता हुआ दौड़कर उपर जाता हैं असल में वही शिखर पर अपना घर बनाता हैं.
·        हर इंसान इंजिनियर हैं कुछ मकान बनाते हैं कुछ सॉफ्टवेयर बनाते हैं कुछ मशीन बनाते हैं और कुछ सपने बनाते हैं और हम जैसे उनकी कहानियों को स्याही में डुबोकर उन्हें अमर बनाते हैं.

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